"हम लड़ाई हारे हैं, युद्ध अभी ख़त्म नहीं हुआ है."
बुधवार को आईपीएल का पहला क्वालीफ़ायर हारने के बाद ये बयान श्रेयस अय्यर ने दिया था.
उस मैच में पंजाब किंग्स ने वही आक्रामक रुख़ अपनाया जो लीग मैचों में अपनाते हुए पॉइंट टेबल में शीर्ष पर आए थे.
उस दिन पंजाब की टीम ताश के पत्तों की तरह ढह गई थी और वो मुक़ाबला पूरी तरह एकतरफ़ा था, तब श्रेयस का दिया बयान भी बढ़-चढ़ कर कही बात लग रही थी.
जब टीम को अपने कप्तान के बल्ले से रन की सबसे अधिक ज़रूरत थी तभी श्रेयस का बल्ला चल पड़ा.
दमदार छक्के जड़े, बुमराह को संभलने नहीं दिया पर उनके यॉर्कर को बख़ूबी संभाला और 11 साल बाद फ़ाइनल का टिकट पंजाब को थमा दिया.
श्रेयस ने 212.80 के स्ट्राइक रेट से 41 गेंदों पर नाबाद 87 रन बनाए, जिसकी बदौलत पंजाब ने 204 रनों का लक्ष्य 6 गेंद बाक़ी रहते हासिल कर लिया.
बुधवार को श्रेयस के शॉट सलेक्शन की ज़बरदस्त आलोचना हुई थी लेकिन रविवार को उन्होंने बहुत स्टाइलिश अंदाज़ में बल्लेबाज़ी की, आठ गगनचुंबी छक्के और पांच चौके जमाए.
मैच का टर्निंग पॉइंट
मैच में पहले बैटिंग करते हुए मुंबई के बल्लेबाज़ों ने बख़ूबी अपना काम किया. सूर्यकुमार यादव (44 रन) और तिलक वर्मा (44 रन) की पारियों ने स्कोरबोर्ड पर 203 रन टांग दिए.
जब गेंदबाज़ी करने उतरे तो प्रभसिमरन सिंह को जल्दी आउट कर ट्रेंट बोल्ट ने मुंबई के खेमे में उम्मीद भी जगाई. पर जॉश इंग्लिस ने पिच पर आते ही बोल्ट को दो दमदार चौके जड़ दिए.
फ़िर इंग्लिस ने जो किया वो मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ.
पंजाब ने जब चार ओवरों में 35 रन बना लिए तब हार्दिक ने अपने चैंपियन गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह को गेंद थमाई.
ये बुमराह थे जिन्होंने एलिमिनेटर मुक़ाबले में अपनी गोल्डन बॉल से गुजरात को पछाड़ा था.
तो बीती रात भी ये बुमराह ही थे जिनकी पहली छह गेंदों पर जॉश इंग्लिस ने हल्ला बोल पंजाब की जीत का आग़ाज़ किया.
इंग्लिस ने बुमराह की पहली गेंद पर चौका जमाया. एक गेंद बाद लॉन्ग ऑन पर दनदनाता छक्का. पांचवीं गेंद पर फिर चौका. तो छठी पर एक और गगनचुंबी छक्का.
बुमराह के चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान उभरी, मानो वो समझ गए थे कि आज उनका दिन नहीं है.
जिस बुमराह ने एलिमिनेटर में 6.8 की इकॉनमी से गेंद डाली थी, वो इस पहले ओवर में ही 20 रन खा चुके थे.
हालांकि, इंग्लिस आठवें ओवर में ही 38 रन बनाकर आउट हो गए पर वहां से श्रेयस अय्यर और नेहाल वढेरा ने पारी संभाली.
श्रेयस ने शुरुआत में पिच पर कुछ समय लिया, तब दूसरे छोर से वढेरा आक्रमण की ज़िम्मेदारी संभाल रहे थे.
फिर रीस टॉपली के एक ओवर में श्रेयस ने लगातार तीन छक्के जड़ कर कमान पूरी तरह अपने हाथ में ले लिया और पंजाब को फ़ाइनल में पहुंचा कर ही दम लिया.